बुधवार, 25 सितंबर 2013

बस धुंवा अवशेष है ।

दोनों की नज़रें आपस में लड़ी चकमक पत्थर की तरह, इश्क की आग जली, एक दीप मैंने बाला प्रेम का ............................. एक दीप तुमने बाला , प्रेम का ............................. परिस्थितियों का दानव , प्रेम के दीपक का खून चुपचाप पीता रहा , लौ तड़पकर बुझ गई , बस धुँआ अवशेष है ।

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